तुम भी और हम भी

क्यों हर सवाल का जवाब ढूंढ रहे हो ? क्यों खुद में ही उलझ रहे हो ? आओ साथ मिलकर बैठे, कुछ गम तुम बाटो, कुछ खुशियां हम भी भरदे।। जिंदगी नही आसान ऐ दोस्त, तुम भी समझ गए और हम भी। चलो अपने राज़ एक दूसरे को बता दे, वज़न कंधो से हटा दे, तुम भी और हम भी ।। आज साथ बैठकर रो लेते हैं, कल साथ में हसेंगे । वादा है तुमसे ऐ दोस्त, जब भी मिलेंगे खूब किस्से सुनाएंगे, तुम भी और हम भी ।।